उल्हासनगर पुलिस स्टेशन-1 की सीमा में फिर बेनकाब हुआ महिलाओं का जुए का अड्डा, फ्लैट में रेड कर 7 को पकड़ा — अवैध जुआ कारोबार पर लगाम कब?

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर पुलिस की पूर्व कार्रवाईयों के बावजूद उल्हासनगर में घरों के भीतर चल रहे अवैध जुआ अड्डों पर अंकुश लगता दिखाई नहीं दे रहा। एक बार फिर, उल्हासनगर पुलिस स्टेशन-1 की हद में आने वाले नेहरू चौक, कैंप नंबर 2 क्षेत्र स्थित एक रिहायशी इमारत के फ्लैट में सात महिलाओं को जुआ खेलते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जहां पुलिस ने पांचवीं मंज़िल के फ्लैट पर छापा मारते हुए मौके से महिलाओं को जुए की गतिविधियों में लिप्त पाया। पकड़ी गई महिलाओं की पहचान ठाणे निवासी अनीता कानेड़े, कल्याण निवासी काजल कटारिया और काजल वाधवा, तथा उल्हासनगर की ऋतु चोगु, प्रीति अरोड़ा, रानी बुधवानी और वीना भाटानी के रूप में हुई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाओं को मौके पर जुआ खेलते हुए पाए जाने के बावजूद, केवल भारतीय दंड संहिता की धारा 35(3) के तहत नोटिस देकर रिहा कर दिया गया।
इस मामले की जांच महिला पुलिस कांस्टेबल बंबाले कर रही हैं, जो यह जानने में जुटी हैं कि इस तरह की अवैध गतिविधियां कितनी नियमित हैं और इनके पीछे कौन से लोग सक्रिय हैं।
प्रश्न यह उठता है कि यदि पूर्व में कई बार रेड और कार्रवाई हो चुकी है, तो फिर ये जुआ अड्डे किसके संरक्षण में फल-फूल रहे हैं? क्या पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई ढील है या फिर इन अवैध कारोबारियों को कहीं से राजनीतिक या प्रशासनिक शह मिल रही है?
स्थानीय नागरिकों की मांग है कि ऐसे जुआ अड्डों के खिलाफ केवल खानापूर्ति नहीं, बल्कि कठोर और स्थायी कार्रवाई हो, ताकि समाज में फैल रहे इस विषैले जुए के जाल पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।