उच्च न्यायालय का आदेश हवा में? उल्हासनगर के शांतिनगर में अवैध निर्माण पर कार्रवाई से क्यों भाग रही है महापालिका? “पॉली स्काय” होटल किसके आशीर्वाद से शुरू?

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर के शांतिनगर परिसर स्थित रिजेन्सी प्रोजेक्ट में किए गए अनधिकृत निर्माण को लेकर महाराष्ट्र उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि इस अवैध निर्माण को तुरंत तोड़ा जाए। बावजूद इसके, उल्हासनगर महानगरपालिका कार्रवाई से लगातार टालमटोल कर रही है। यह न केवल न्यायालय की अवमानना है, बल्कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति पर भी सवाल खड़े करता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि महापालिका के विधी विभाग ने स्वयं इस निर्माण को अवैध बताते हुए इसे हटाने की शिफारिश दी है, फिर भी आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे यह संदेह और भी गहरा हो जाता है कि क्या कोई शक्तिशाली व्यक्ति या राजकीय आशीर्वाद इस अवैध निर्माण को संरक्षण दे रहा है?
इतना ही नहीं, इसी अवैध संरचना पर पॉली स्काय’ नामक एक होटल धड़ल्ले से चालू किया गया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत से कानून का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।
👉 सवाल उठते हैं:
जब हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है तो कार्रवाई क्यों नहीं?
महापालिका किसके दबाव में है?
“पॉली स्काय” होटल को संचालन की अनुमति किसने दी?
जनता की सुरक्षा और न्याय की उम्मीदों का क्या?
स्थानीय नागरिकों और प्रहार जनशक्ति पार्टी के थाने ज़िला अध्यक्ष एडवोकेट स्वप्निल पाटिल ने इस मामले की जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
यह केवल एक निर्माण का मामला नहीं, बल्कि न्यायव्यवस्था और प्रशासन की साख का सवाल बन चुका है।