उल्हासनगर के मध्यवर्ती शासकीय अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने कड़ा रुख अपनाया।




उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने उल्हासनगर के मध्यवर्ती शासकीय अस्पताल में व्याप्त गंभीर अव्यवस्था के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। पार्टी ने अस्पताल प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर समस्याओं का समाधान करने की चेतावनी दी है, अन्यथा आंदोलन करने की घोषणा की है।
मनसे पदाधिकारियों ने अस्पताल में मौजूद गंभीर समस्याओं को उजागर करते हुए कहा कि मरीजों को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने निम्नलिखित मुद्दों पर गंभीर आपत्ति जताई है:
1. **रक्त जांच रिपोर्ट में देरी**: मरीजों को ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट 7 से 10 दिनों के बाद मिल रही है, जिसके कारण उनके इलाज में अनावश्यक देरी हो रही है।
2. **डॉक्टरों की अनुपस्थिति**: ओपीडी सेवाएं सुबह 8 बजे शुरू होनी चाहिए, लेकिन डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को इलाज में परेशानी हो रही है। शाम 4 से 6 बजे तक डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
3. **बर्न वार्ड बंद**: अस्पताल में जले हुए मरीजों के लिए विशेष वार्ड उपलब्ध होने के बावजूद, इसे बंद रखा गया है, जिससे गंभीर रूप से घायल मरीजों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है।
4. **अस्पताल परिसर में गंदगी**: अस्पताल परिसर में जगह-जगह कबाड़ पड़ा हुआ है और सीवेज लाइन फटी होने के कारण दुर्गंध फैल रही है। साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब है, जो मरीजों और उनके परिजनों के लिए असहनीय हो गई है।
5. **बिजली समस्या**: अस्पताल में बिजली की समस्या के कारण मरीजों को कई बार अंधेरे में इलाज करवाने की नौबत आ रही है, जो उनकी सेहत के लिए खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है।
मनसे के महानगर संघटक मैनुद्दीन शेख और उनके सहयोगियों ने कहा कि यदि अस्पताल प्रशासन एक सप्ताह के भीतर इन समस्याओं का समाधान नहीं करता है, तो पार्टी को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल आम जनता की सेवा के लिए बना है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मनसे ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं को सुचारू रूप से चलाया जा सके और मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।



