Breaking NewsheadlineHeadline TodaypoliticsSocialUlhasnagarUlhasnagar Breaking News

गौतम नगर का “आश्वघोष” समाज मंदिर पुनर्जीवित: 10 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद नई शुरुआत।

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा

गौतम नगर क्षेत्र में पिछले एक दशक से जीर्ण-शीर्ण स्थिति में पड़े “आश्वघोष” समाज मंदिर को पुनःजीवित करने का कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। इस ऐतिहासिक पहल का श्रेय अंबेडकरी आंदोलन के वरिष्ठ नेता नानासाहेब बागूल, मा. नगरसेवक अंकुशजी म्हस्के, मा. नगरसेवक कलवंत सिंह (बिट्टू भाई) सहोता और मा. युवा नगरसेवक स्वप्निल नानासाहेब बागूल को जाता है, जिन्होंने अथक प्रयास और निरंतर परिश्रम के साथ इस महत्वपूर्ण कार्य को आगे बढ़ाया।


समाज मंदिर की पुनर्बांधनी के लिए “मूलभूत सुविधा” निधि से 50 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई। इस निधि का उपयोग मंदिर के पुनर्निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा। समाज मंदिर का नवीनीकरण न केवल इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन को सशक्त बनाएगा, बल्कि आसपास के नागरिकों को एक सामुदायिक केंद्र के रूप में भी सेवा प्रदान करेगा।

भूमिपूजन समारोह: जनता के सहयोग से सफलता की ओर
आज, समाज मंदिर की पुनर्बांधनी का भूमिपूजन समारोह संपन्न हुआ, जिसमें क्षेत्र के नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस आयोजन ने न केवल स्थानीय लोगों को एकजुट किया बल्कि एक सामुदायिक भावना को भी मजबूत किया।
समारोह के दौरान, वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह समाज मंदिर क्षेत्र के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होगा। यह केवल एक भवन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता के मूल्यों का प्रतीक भी है, जो अंबेडकरी आंदोलन की भावना को प्रदर्शित करता है।


समारोह के दौरान, वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह समाज मंदिर क्षेत्र के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होगा। यह केवल एक भवन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता के मूल्यों का प्रतीक भी है, जो अंबेडकरी आंदोलन की भावना को प्रदर्शित करता है।


“आश्वघोष” समाज मंदिर का उपयोग क्षेत्र के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शैक्षिक गतिविधियों, और सामुदायिक बैठकों के लिए किया जाएगा। यह एक ऐसा केंद्र बनेगा, जहां से समाज के विकास और उत्थान के कार्यों को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

गौतम नगर का यह प्रयास यह दर्शाता है कि जब सामुदायिक नेतृत्व और जनता का सहयोग मिलता है, तो बड़े से बड़ा बदलाव संभव है। आने वाले समय में यह समाज मंदिर न केवल एक भौतिक संरचना होगा, बल्कि सामाजिक बदलाव और प्रगति का प्रेरणा स्रोत भी बनेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights