उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव 2025: डॉ. जयराम लुल्ला की सियासी उलझन, कांग्रेस या NCP (शरद पवार) में कहां है ठिकाना?

उल्हासनगर : नीतू विश्वकर्मा
जैसे-जैसे उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं, शहर की सियासी हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं, लेकिन इस बीच एक सवाल हर किसी के जेहन में कौंध रहा है—क्या अनुभवी राजनेता और डॉ. जयराम लुल्ला अब भी कांग्रेस के साथ हैं या उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) का दामन थाम लिया है? यह सवाल उल्हासनगर की सियासत में तूफान खड़ा कर रहा है।
कांग्रेस का पुराना सिपाही, NCP की बैठकों में सक्रिय
डॉ. जयराम लुल्ला लंबे समय तक कांग्रेस के वफादार सिपाही रहे हैं। उन्होंने न केवल कांग्रेस की उल्हासनगर इकाई को मजबूत किया, लेकिन हाल के दिनों में उनकी गतिविधियां सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सूत्रों की मानें तो डॉ. लुल्ला अब कांग्रेस की बैठकों में नजर नहीं आते, जबकि NCP (शरदचंद्र पवार) की हर अहम बैठक में उनकी मौजूदगी देखी जा रही है। खास तौर पर, पिछले विधानसभा चुनाव में ओमी कालानी के नेतृत्व में NCP (SP) के लिए उनकी सक्रियता ने सबका ध्यान खींचा था, हालांकि वह चुनाव पार्टी के लिए निराशाजनक रहा।
25 मई की अहम बैठक: कालानी परिवार के साथ रणनीति
25 मई 2025 की शाम को डॉ. जयराम लुल्ला की अध्यक्षता में टी.ओ.के. (टीम ओमी कालानी) कोर कमिटी की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कोर कमिटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से उल्हासनगर के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कालानी परिवार के नेतृत्व में आगामी महानगरपालिका चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। इस बैठक ने साफ संकेत दिए कि डॉ. लुल्ला NCP (शरद पवार) के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं और कालानी परिवार के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
कांग्रेस से दूरी, NCP से नजदीकी
सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि डॉ. लुल्ला ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है। उनकी अनुपस्थिति कांग्रेस की बैठकों में और NCP (SP) की गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी इस बात की तस्दीक करती है। हालांकि, उन्होंने अभी तक आधिकारिक तौर पर किसी भी पार्टी से अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या डॉ. लुल्ला आगामी चुनाव में NCP (शरद पवार) के बैनर तले कालानी परिवार के साथ मैदान में उतरेंगे या फिर कांग्रेस के साथ अपनी पुरानी वफादारी को फिर से जिंदा करेंगे।
उल्हासनगर की सियासत में उफान
उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव में इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है। एक तरफ सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिवसेना, और NCP-अजित पवार) अपनी ताकत दिखाने को तैयार है, तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-UBT, और NCP-SP) भी कोई कसर नहीं छोड़ रही। ऐसे में डॉ. जयराम लुल्ला जैसे कद्दावर नेता का रुख तय करने में देरी सियासी समीकरणों को और उलझा सकती है।
क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डॉ. लुल्ला की NCP (शरद पवार) के साथ नजदीकी कालानी परिवार की रणनीति का हिस्सा हो सकती है, जो उल्हासनगर में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करना चाहता है। वहीं, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि डॉ. लुल्ला की अनुपस्थिति से पार्टी को नुकसान हो सकता है, खासकर वोट बैंक के लिहाज से।
आने वाला समय देगा जवाब
उल्हासनगर की सियासत में डॉ. जयराम लुल्ला का अगला कदम क्या होगा, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि उनकी हर गतिविधि पर शहर की जनता और राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं। क्या वे कांग्रेस की पुरानी विरासत को संभालेंगे या NCP (शरद पवार) के साथ नया सियासी इतिहास रचेंगे? यह सवाल उल्हासनगर के हर गली-नुक्कड़ पर चर्चा का विषय बना हुआ है।