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उल्हासनगर के युवाओं को सट्टेबाज़ी के जाल में फंसाने वाला अंतरराज्यीय गिरोह उजागर: गोवा में IPL रैकेट का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी अवि इसरानी और गिरिष जेसवानी फरार।

उल्हासनगर :नीतू विश्वकर्मा

गोवा पुलिस द्वारा की गई एक विशेष कार्रवाई में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के नाम पर चल रहे एक बड़े सट्टेबाज़ी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसके तार सीधे उल्हासनगर (महाराष्ट्र) से जुड़े पाए गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क के माध्यम से स्थानीय युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें अवैध ऑनलाइन सट्टेबाज़ी में झोंका जा रहा था, जिससे उनके भविष्य, करियर और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है।

प्रमुख आरोपी फरार, अंतरराज्यीय गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी।

इस पूरे रैकेट का संचालन करने वाले मुख्य आरोपी अवि इसरानी और गिरिष जेसवानी, उल्हासनगर के निवासी हैं, जो वर्तमान में फरार हैं। इन दोनों के खिलाफ गोवा और उल्हासनगर पुलिस के पास पहले से सूचनाएं मौजूद थीं। दबाव बढ़ने के चलते दोनों ने अपना नेटवर्क गोवा स्थानांतरित कर, वहीं से IPL जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट के नाम पर करोड़ों रुपये की सट्टेबाज़ी संचालित करनी शुरू की।

2 आरोपियों की गिरफ्तारी, डिजिटल फॉरेंसिक जांच जारी।

अब तक गोवा पुलिस ने दो बुकीज़ को हिरासत में लिया है, और उनकी निशानदेही पर कई अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। यह गिरोह हाई-टेक ऐप्स, फर्जी खातों और वर्चुअल पेमेंट चैनलों के माध्यम से धन का आदान-प्रदान करता था। पुलिस द्वारा जब्त किए गए मोबाइल उपकरणों और डिजिटल डेटा की फॉरेंसिक जांच जारी है।

युवाओं को लक्षित कर रही थी संगठित साजिश।

यह रैकेट सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि एक संगठित सामाजिक खतरा बन चुका है। आरोपी सुनियोजित तरीके से स्कूल-कॉलेज और नवयुवकों को लक्षित कर उन्हें त्वरित कमाई के सपने दिखाकर अपराध की दुनिया में धकेल रहे थे। उल्हासनगर जैसे शहरी क्षेत्रों में पहले से मानसिक और सामाजिक दबाव झेल रहे युवा इस नेटवर्क के आसान शिकार बन रहे हैं।

प्रशासन से मांग: कठोर कार्रवाई एवं युवाओं को संरक्षण

शौर्य टाइम्स प्रशासन एवं संबंधित विभागों से निम्न मांग करता है:

1. मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ MCOCA जैसे कठोर प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया जाए।

2. इस नेटवर्क के सभी आर्थिक स्रोतों और सह-संपर्कों की गहन जांच कर, संपत्ति जब्त की जाए।

3. युवाओं के लिए साइबर जागरूकता कार्यक्रम, परामर्श केंद्र और विशेष हेल्पलाइन की शुरुआत की जाए।

4. गोवा एवं उल्हासनगर पुलिस के बीच विशेष समन्वय सेल बनाई जाए।

यह केवल एक अपराध नहीं, समाज की जड़ों पर हमला है।
अब समय है कि हम अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करें और युवा पीढ़ी को इस अंधेरे से बाहर निकालें।

शौर्य टाइम्स इस मुद्दे पर लगातार निगरानी रखे हुए है और हर अपडेट के साथ जनता और अधिकारियों को सच से अवगत कराता रहेगा।

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