सालों पुरानी समस्या पर मिला समाधान! सुभाष टेकड़ी के नागरिकों की लड़ाई रंग लाई — मनपा ने जलापूर्ति के लिए दी समयबद्ध व्यवस्था की गारंटी।

उल्हासनगर प्रतिनिधि : नीतू विश्वकर्मा
दिनांक 2 जून 2025, उल्हासनगर के सुभाष टेकड़ी क्षेत्र में बीते 6 से 8 वर्षों से अनियमित जलापूर्ति की गंभीर समस्या आखिरकार सुलझने की दिशा में बढ़ी है। हर दिन अलग-अलग समय पर आने वाला पानी — कभी सुबह, कभी दोपहर, तो कभी आधी रात — यहां के नागरिकों के लिए बड़ी परेशानी बना हुआ था। खासकर कामकाजी परिवार, महिलाएं और बुजुर्ग इस अव्यवस्था से बेहद त्रस्त थे।
इस क्षेत्र में मुख्य रूप से दलित, गरीब और मध्यम वर्गीय समाज निवास करता है, जो लंबे समय से समयबद्ध जलापूर्ति की मांग कर रहा था।
🛑 नागरिकों की नींद हराम, महिलाएं परेशान — आधी रात का पानी बन चुका था सिरदर्द
रोज रात 12 बजे के बाद पानी की आपूर्ति से न केवल महिलाओं के घरेलू कार्य प्रभावित हो रहे थे, बल्कि नौकरीपेशा लोगों को भी भारी असुविधा हो रही थी। यह केवल एक मूलभूत सुविधा का मुद्दा नहीं था, बल्कि गरिमा और दैनिक जीवन की कठिनाई का सवाल बन चुका था।
✊ जनआंदोलन ने बदली तस्वीर — संस्था और जनप्रतिनिधियों की प्रभावी पहल
इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई “संविधान बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था” ने। लगातार पत्राचार, संवाद और बैठकों के ज़रिए संस्था ने प्रशासन पर दबाव बनाया।
दिनांक 06.03.2025 और 20.03.2025 को विशेष बैठकें आयोजित की गईं। लेकिन असली गति तब मिली, जब माननीय विधायक श्री बालाजी किणीकर ने इस विषय को गंभीरता से उठाया और आयुक्त स्तर पर बैठकें करवाईं।
✅ मनपा का आश्वासन: अब दो निश्चित पालियों में मिलेगा पानी!
इस आंदोलन की परिणति सोमवार, 2 जून 2025 को उस समय हुई, जब उल्हासनगर महानगरपालिका ने एक औपचारिक आश्वासन पत्र जारी किया।
संविधान संस्था के प्रतिनिधि श्री संजय वाघमारे, अँड.. प्रदीप गोडसे, श्री संदीप डोंगरे और श्री दिवाकर खळे को यह पत्र सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि:
🕘 रात 9:00 से 10:00 तक पहली पाली
🕙 रात 10:00 से 11:00 तक दूसरी पाली
इन निश्चित समयों में क्षेत्रानुसार नियमित जलापूर्ति की जाएगी — और यह व्यवस्था आगामी 15 दिनों के भीतर लागू की जाएगी।
🍬 जनता का उत्सव, जनसंघर्ष की जीत!
इस आश्वासन के बाद संस्था और नागरिकों ने मिठाई बांटकर जश्न मनाया और इसे “जनता की जीत” करार दिया। संस्था ने साफ शब्दों में कहा कि — यदि यह आश्वासन केवल कागजों तक सीमित रहा, या कोई राजनीतिक दबाव इसे निष्प्रभावी करने की कोशिश करता है, तो आंदोलन और अधिक तीव्र किया जाएगा।
🗣️ अँड.. प्रदीप गोडसे (जिल्हा उपाध्यक्ष, मनसे) का समर्थन
इस जनहित प्रयास को मनसे ने भी खुला समर्थन दिया। अँड.. गोडसे ने कहा:
> “यह केवल पानी का मुद्दा नहीं था, यह इंसाफ का सवाल था। संविधान संस्था और भाई रोकडे जी की टीम ने सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता की तरह लड़ाई लड़ी। मनसे इस तरह के हर जनहित कार्य के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।”
उन्होंने आगे संस्था के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई दी।
🤝 संघर्ष की यह टीम:
संविधान संस्था: भाई रोकडे, संजय वाघमारे, विजय पवार
वंचित बहुजन: दिवाकर खळे
मनसे: अँड.. प्रदीप गोडसे
शिवसेना: संदीप डोंगरे, सुरेश देशमुख
सामाजिक कार्यकर्ता: प्रा. सुरेश सोनवणे, अँड.. प्रशांत चंदनशिव
📢 साफ संदेश: जब जनता संगठित होकर उठती है, तो व्यवस्था भी झुकती है। सुभाष टेकड़ी का यह संघर्ष बाकी क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा है।