“लाडकी बहन योजना में बड़ी लापरवाही – अजीत पवार ने मानी गलती, अपात्रों को भी बंटा पैसा!”

मुंबई: नीतू विश्वकर्मा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को यह स्वीकार किया कि ‘लाडकी बहन योजना’ लागू करते समय सरकार ने लाभार्थियों की सही ढंग से जांच नहीं की थी, जिसके कारण अपात्र लोगों को भी योजना का पैसा मिल गया।
उन्होंने कहा, “जब योजना शुरू की गई, तब चुनाव सिर पर थे और समय बहुत कम था। हमने जनता से अपील की थी कि सिर्फ पात्र महिलाएं ही आवेदन करें, लेकिन कई अपात्र लोग भी लाभ लेने आ गए।”
सरकार अब आर्थिक संकट से जूझ रही है और अब जाकर अपात्र लाभार्थियों को योजना से हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
🔥 विपक्ष का हमला: “वोट के लिए किया गया सरकारी खजाने का दुरुपयोग”
विपक्ष ने सरकार पर जानबूझकर लापरवाही करने का आरोप लगाया है।
शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राऊत ने कहा, “सरकार को सब पता था। पुरुषों ने महिला जैसे नाम रखकर पैसे लिए, सरकारी कर्मचारियों ने भी लाभ लिया। वोट पाने के लिए आपने सब कुछ नजरअंदाज कर दिया और सरकारी खजाने को लुटवा दिया।”
राऊत ने हाल ही में सामने आए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2600 सरकारी महिला कर्मचारी इस योजना से लाभ ले रही थीं, जिन्हें अब योग्यता के आधार पर अयोग्य घोषित किया गया है।
‘लाडकी बहन योजना’ से पहले सरकार की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं। क्या ये योजना जरूरतमंदों के लिए थी या चुनावी हथकंडा? अपात्रों को मिले पैसे की भरपाई कौन करेगा? और असली लाभार्थियों तक कैसे पहुंचेगा न्याय?