उल्हासनगर में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल — DCP जोन-4 सचिन गोरे के संज्ञान में होने के बावजूद FIR में गांजा और बाकी आरोपियों का ज़िक्र गायब?

उल्हासनगर प्रतिनिधि : नीतू विश्वकर्मा
उल्हासनगर — शहर में कानून-व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा करने वाला मामला सामने आया है। उपलब्ध वीडियो फुटेज में स्पष्ट रूप से पाँच आरोपी नज़र आ रहे हैं, जिनमें पुलिस के साथ आरोपी के हाथ में गांजा भी दिखाई देता है। इसके बावजूद दर्ज की गई FIR में गांजे का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई DCP जोन-4 सचिन गोरे की जानकारी में हुई, फिर भी पाँच में से केवल एक आरोपी के खिलाफ ही मामला दर्ज किया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो में दिख रहे अन्य चार आरोपियों को रातभर पुलिस कस्टडी में रखने के बावजूद FIR में उनका नाम दर्ज नहीं किया गया और न ही उनके खिलाफ कोई मामला बनाया गया।
FIR के अनुसार, एकमात्र आरोपी के पास से लोहे की ‘कुकरी’ (हथियार) बरामद हुई और धारा 9(3), 234 महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे आधारवाड़ी जेल भेजा गया। जबकि वीडियो में साफ तौर पर पुलिस और आरोपी के हाथ में गांजे की खेप दिखाई दे रही है, जो NDPS एक्ट के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
जानकारी के मुताबिक, जिस संपत्ति पर यह घटना हुई, वह पहले से ही trespass के मामले में कोर्ट में अपडेट है, बावजूद इसके वहां खुलेआम कानून और व्यवस्था का उल्लंघन हो रहा है। आरोपी ने वीडियो में खुलेआम DCP सचिन गोरे का नाम लेते हुए कहा कि यह कार्रवाई उनकी जानकारी में हो रही है।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि यह मामला पुलिस की मिलीभगत और कानून के दोहरे मानकों का उदाहरण है। अब देखना यह होगा कि उच्चस्तरीय जांच के बाद इस पूरे प्रकरण में लापरवाही और संरक्षण देने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।