उल्हासनगर में ‘Win Game’ के नाम पर जुए का खुला खेल, लेकिन DCP जोन-4 मौन – मुंबई में FIR दर्ज फिर उल्हासनगर में देरी क्यों?

विशेष रिपोर्ट ✍️ – नीतू विश्वकर्मा | शौर्य टाइम्स
उल्हासनगर – शहर में ‘Win Game’ के नाम पर चल रहा अवैध जुआ और सट्टेबाजी का नेटवर्क प्रशासनिक तंत्र की आंखों के सामने फल-फूल रहा है। जबकि मुंबई पुलिस ने इस काले कारोबार पर शिकंजा कसते हुए FIR दर्ज कर ली है, उल्हासनगर जोन-4 की पुलिस अब भी चुप है।
प्रश्न यह नहीं कि अपराध हो रहा है — प्रश्न यह है कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
✅ मुंबई में FIR, उल्हासनगर में सिर्फ खामोशी: न्याय में देरी या संरक्षण का संकेत?
मुंबई के खार पुलिस स्टेशन द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी में “Win Game” नामक अवैध जुए के अड्डे से कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर और ₹360 नकद जब्त किए गए। राजेश वायकर नामक आरोपी पर लॉटरी विनियमन अधिनियम और महाराष्ट्र जुआ निषेध अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ।
वहीं, उल्हासनगर जोन-4 में वही अपराध खुलेआम चल रहा है, लेकिन FIR तक दर्ज नहीं की गई।
क्या कानून सिर्फ मुंबई के लिए है?
क्या DCP जोन-4 की निष्क्रियता एक बड़ी मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है?
⚠️ DCP जोन-4 को बार-बार शिकायतें देने के बावजूद ‘नो एक्शन’ – आखिर क्यों?
‘शौर्य टाइम्स’ ने पिछले कई हफ्तों में लिखित और डिजिटल माध्यमों से DCP जोन-4 को शिकायतें भेजीं, लेकिन नतीजा शून्य। पुलिस का तर्क है कि यह ‘स्किल बेस्ड गेम’ है — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहती है:
हर 15 मिनट में सट्टा जैसे नंबर घोषित होते हैं।
कोई स्किल या इंटरफेस नहीं, सिर्फ “टिकट खरीदो – नंबर देखो – पैसा लो/गंवाओ”।
13-15 साल के नाबालिग तक इस जाल में फंसे हैं।
GST और सरकारी गजट का झूठा मुखौटा दिखाकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है।
🛑 क्या DCP जोन-4 बन चुके हैं अवैध सट्टेबाजों के रक्षक? जनता के तीखे सवाल:
1. जब मुंबई पुलिस FIR कर सकती है, तो उल्हासनगर पुलिस कार्रवाई से क्यों कतरा रही है?
2. क्या पुलिस विभाग में “हफ्ता संस्कृति” इन अड्डों को संरक्षण दे रही है?
3. शिकायतों की फाइल दबाने का आदेश किसने दिया?
4. क्या कानून की नजर में उल्हासनगर की जनता दोयम दर्जे की है?
🔥 जनता का गुस्सा फूटा: “अब बहाने नहीं, जवाब चाहिए!”
स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठन और जागरूक समूह अब सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक आवाज़ उठा रहे हैं।
“यह केवल जुआ नहीं, हमारे युवाओं को बर्बाद करने का सुनियोजित षड्यंत्र है,” — यह बात अब मंचों से लेकर विधानसभा तक गूंज रही है।
✅ जनहित में 3 स्पष्ट माँगें:
1. सभी अवैध ‘Win Game’ सेंटर्स तुरंत सील किए जाएं।
2. संचालकों एवं आर्थिक संरक्षकों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएं।
3. शिकायत न सुनने वाले अधिकारियों के नाम सार्वजनिक कर, अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
🧭 संपादकीय टिप्पणी:
> “जब पुलिस ही आंखें मूंद ले, तो अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं। DCP जोन-4 की चुप्पी अब केवल लापरवाही नहीं, बल्कि एक सक्रिय अपराध के सहयोग की तरह प्रतीत होती है। अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो उल्हासनगर की जनता जवाब मांगना जानती है — और जवाबदेही तय करके रहेगी।”