सवालों के घेरों में उल्हासनगर महानगर पालिका के अधिकारी।
उल्हासनगर: नीतू विश्वकर्मा
तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो…बहरो का इलाका है ज़रा ज़ोर से बोलो…
नीचे दिये गये वीडियो में एक आम आदमी अपना समय बचाने हेतु अपनी जान पर खेलकर ये जानलेवा रास्ता पार कर रहा था। निचे नदी का पानी और ऊपर आग दोनों का सामने करते हुए उसका पैर फिसलता है और वो गिर जाता है। नीचे पानी है ऊपर आग है, ये सबका जिम्मेदार कोन है?? यह घटना उल्हासनगर शहर मे स्थित संजय गए गाँधी नगर से गौशाला को जोड़ने वाला ब्रिज ८ महीने पहले इस आश्वाशन के साथ तोडा गया था की जल्द हे नवनिर्माण कार्य शुरु होगा. प्रशाशन को कई बार अर्जिया लिखी गई, कई मोर्चे हुए परन्तु प्रशाशन आज भी चुप है. एक दूसरे को विलम्भ का कारण बताते हुए प्रशाशन इस मुद्दे को टाल रहा है…इन सबका जिम्मेदार कौन हैं??
प्रशासन चैन से सो रहा हैं बस आम आदमी अपना सुख चैन खो रहा हैं। और कितनी जानें जाएंगी फिर इनको होश आएगा?
आखिर कब तक यह प्रशासन इस तरह शहर चलाएगा?
कब तक आम आदमी आग और पानी से एक साथ खेल पाएगा??
कब प्रशाशन जागेगा कब बदलाव आएगा??इस शहर का प्रशाशन कब तक अपनी जिम्मेदारी से भाग पाएगा??
ज्ञात हो की कुछ महीने पूर्व समाज सेवक शिवाजी रगड़े द्वारा रास्ता रोको आंदोलन भी किया था जिसके बाद उल्हासनगर महानगर पालिका ने आश्वासन भी दिया था की इस पुल का निर्माण दिसंबर २०२२ में शुरू होगा परंतु अब तक कोई भी किसी भी प्रकार का काम नही शुरू हुआ है। सूत्रों के अनुसार यह ठेका झा पी के कंपनी को दिया गया था! परंतु अब तक उक्त ठेकेदार ने कोई काम शुरू नही किया है सिर्फ जुने झर झर पुल को तोड़ने के सिवा। आखिर उल्हासनगर महानगर पालिका ठेकेदार प्रेम झा के ऊपर करवाई क्यूं नहीं करती है। आखिर उल्हासनगर महानगर पालिका ठेकदार प्रेम झा के ब्लैक लिस्ट क्यूं नही करती है?
शौर्य टाइम्स हमेशा आपके सामने प्रेम झा के खिलाफ कुछ न कुछ लेकर आता है। पर लगता है प्रशासन ने ठान लिया है प्रेम झा को ब्लैकलिस्ट नहीं करने का निर्णय। जब तक प्रेम झा को ब्लैकलिस्ट नहीं किया जायेगा शौर्य टाइम्स और भी चीजों का खुलासा करते जाएंगे।